रक्षाबंधन #लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता -11-Aug-2022
चौपई छंद/जयकारी छंद
सृजन शब्द - रक्षाबंधन
मात्रा 15, पदांत पर 21
8 और 7 पर यति
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रक्षाबंधन, आया आज।
भाई रखना, मेरी लाज।।
अब की सावन,आना आप।
इंतजार अब, लगता श्राप।।(1)
बचपन का दिन,आता याद।
खट्टी मीठी, टॉफी स्वाद।।
हर राखी पर, लाते आप।
हम तो करते, भाई जाप।।(2)
सबसे सुंदर, प्रेमिल डोर।
भाई होता, मन का मोर।।
मन खुश होता,उसके साथ।
पकड़े वो तो, हरदम हाथ।।
रक्षा मेरी , करता रोज।
देती उसको,खाने भोज।।
सजा रही हूँ, पूजा थाल।
पूछ रही बस,उसका हाल।।
रक्षाबंधन,होता खास।
भूल माफ कर, करती आस ।
भाई आता, अब तो पास।
करती हूँ बस, यह अरदास।
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कविता झा'काव्या कवि'
#लेखनी
## लेखनी दैनिक काव्य प्रतियोगिता
11.08.2022
shweta soni
12-Aug-2022 02:39 PM
Nice 👍
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
12-Aug-2022 09:09 AM
बेहतरीन मनोहारी
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Teena yadav
11-Aug-2022 03:52 PM
Nice 👍
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